school records

INSTITUTEOF VOCATIONAL STUDIES
AWADH CENTRE OF EDUCATION
(Affiliated by Guru Gobind Singh Indraprastha University)


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BACHELOR OF EDUCATION (B.Ed.) PROGRAMME
SESSION- 2016 – 2018



Preliminary School Engagement (PSE-1)
                                                                    
NAME: AMJAD HUSSAIN
R.NO.00513902116
स्कूल अभिलेख: अर्थ:-
अभिलेख से अभिप्राय है किसी योजना का लिपिबद्ध रिकार्ड अर्थात् किसी काम के लेने-देने संबंधी रिकार्ड को अभिलेख करते हैं। यह अभिलेख यदि स्कूल से संबोधित है तब इसे स्कूल अभिलेख कहा जाता है। स्कूल से संबोधित से अभिप्राय है कि स्कूल मे विभिन्न पक्षों- शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, छात्र- प्रवेश, परीक्षा, पुस्तकालय और शैक्षिक एवं सह- शैक्षिक गतिविधियों आदि की प्रगति का नियमित लेखा जोखा रखना है। इससे स्कूल के संबंध मे विविध पक्षों की जानकारी मिलती है। इन सब रिकार्डो को अभिलेख कहा जाता है
स्कूल की सफलता हेतु शिक्षक, छात्र, अभिभावक और सरकारी संस्थाओं आदि मे समन्वय स्थापित करना होता है, इस समन्वय हेतु अनेक लेखे-जोखे एवं रिकॉर्डस रखने होते हैं। इन रिकॉर्डस से पता चलता है कि स्कूल का इतिहास क्या है, स्कूल की प्रगति कैसे की और विकास की दशा क्या रही।
अतः स्कूल की स्थापना मे समाज महत्वपूर्ण पक्ष है। इसके स्थायित्व के लिए आवश्यक है कि स्कूल का अपना कोई इतिहास हो, परंपराएँ हो। इन सबके लिए आवश्यक है कि स्कूल का लेखा जोखा नियमित रखा जाए।
स्कूल अभिलेख रख-रखाव के उद्देश्य:-
स्कूल एक सामाजिक संस्था है जो छात्रों के प्रति, अभिभावक के प्रति, सरकार और समाज के प्रति उत्तरदायी है। इसलिए स्कूल को अभिलेख, प्रतिवेदन एवं रजिस्टर आदि रखने होते हैं। इन रजिस्टर और प्रतिवेदनों से स्कूल के विकास का पता चलता है।
अतः स्कूल रिकॉर्डस के रख-रखाव जो विभिन्न उद्देश्य को हम निम्नलिखित रूप में देख सकते हैं।
1. स्कूल रिकार्ड के द्वारा स्कूल की वित्तीय स्थिति और संपत्ति का पता करना और अनुदान का उपयोग एवं संसाधनों का पता करना।
2. स्कूल शैक्षिक नियोजन के आधार होते हैं और इसके आधार पर भावी योजना का निर्माण संभव होता है यह राज्य सरकार के नियमों के आधार पर कार्य करने का प्रमाणीकरण होना।
3. स्कूल संसाधनों का प्रभावपूर्ण संगठन करना और लक्ष्य की प्राप्ति करना।
4. छात्रों की प्रगति से उनके अभिभावकों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों को अवगत करवा।
5. छात्रों का मूल्यांकन और क्रमोन्नति का आधार होना।
6. स्कूल की स्थापना, विस्तार, क्रमिक विकास, उत्थान व पतन का पता चलता है।
स्कूल रिकॉर्डस रख-रखाव की आवश्यकता:-
स्कूल को सुव्यवस्थित, सुचारु और कुशलतापूर्वक  संचालित करने के लिए एक कार्यलय की आवश्यकता होती है। इस कार्यालय मे विविध प्रकार के रजिस्टर और विवरण आदि लेखे-जोखे को सुरक्षित रखा जाता है ताकि रिकॉर्डस मे छात्रों के विषय में पूर्ण विवरण उपलब्ध हो सके। इसलिए इन्हें सुरक्षित रखने की नितांत आवश्यकता है। रिकॉर्डस की रख-रखाव की आवश्यकता को हम निम्नलिखित रूप में देख सकते हैं।
1. छात्रों के विषय में और स्कूल के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए रिकॉर्डस की आवश्यकता होती है।
2. स्कूल का आय-व्यय का विवरण जानने के लिए रिकॉर्डस रखने की आवश्यकता होती है।
3. भौतिक सत्यापन एवं मानवीय संसाधनों का ज्ञान प्राप्त करने की दृष्टि से रिकॉर्डस की आवश्यकता होती है।
4. किसी प्रकार के शैक्षिक अनुसंधान के लिए रिकॉर्डस की आवश्यकता होती है बिना रिकॉर्डस के शैक्षिक अनुसंधान असंभव है।
5. रिकॉर्डस ही वे आधार है जिनके द्वारा सरकारी नियमों और उपनियमो आदि का ज्ञान प्राप्त होता है। छात्रों की रुचि व रुझान का  ज्ञान भी रिकॉर्डस से प्राप्त होता है। अतः रख-रखाव की अत्यंत आवश्यकता होती है।
स्कूल अभिलेखो के प्रकार:-
स्कूल मे अनेक गतिविधियाँ संचालित रहती है। इन गतिविधियों से संबंधित सूचनाएँ भी अलग अलग होती है। इसलिए अभिलेख भी अनेक प्रकार के होते हैं। अतः स्कूल मे मुख्य रूप से रखे जाने वाले अभिलेखो को निम्नलिखित रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है।
1.छात्र अभिलेख:- इन अभिलेखो में छात्रों की संख्या, नाम, आयु, पता, विषयवार, एवं कक्षानुसार संख्या, आदि विविध सूचनाओं का संकलन किया जा सकता है।
2. प्रशासनिक अभिलेख:-
ये वे अभिलेख है जिनमे स्कूल का इतिहास, स्कूल के उद्देश्य, आदेश, विकास और सेवा की स्थितियाँ, परिस्थितियां तथा राजकीय विभागों से पत्र व्यवहार आदि का संकलन किया जाता है
             
3. शैक्षिक अभिलेख:-
इन अभिलेखो मे मुख्य रूप से शिक्षक उपस्थित रजिस्टर, छात्र उपस्थित, छात्र प्रवेश एवं छोड़ने का रजिस्टर, छात्रों की मासिक प्रगति, दंड का रजिस्टर, स्थानांतरण रजिस्टर, आंतरिक परीक्षा, अंक रजिस्टर,परीक्षाफल रजिस्टर और शिक्षक कार्य का मासिक रिकॉर्ड आदि सम्मिलित हैं।
4.वित्त संबंधी अभिलेख:-
वित्त संबंधी अभिलेखो में फीस रजिस्टर, आकस्मिक राशि, कैश बुक, वेतन बिल रजिस्टर, दान, अनुदान रजिस्टर, छात्रवृत्ति रजिस्टर, आदि सम्मिलित रहते हैं।
5.सामान्य अभिलेख:-
इन अभिलेखो में- स्कूल कैलेंडर, निरीक्षण पुस्तिका, लाँगबुक, विजिटरस बुक दर्शकों की विवरण पुस्तिका आदेश संबंधित रजिस्टर, भवन संबंधी का रजिस्टर, शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा संबंधी रजिस्टर आदि सम्मिलित हैं।
अभिलेख रख-रखाव की समस्या:-
अभिलेखो के रख-रखाव की मुख्य समस्याओं को लिखित रूप में देख सकते हैं।
1. इन अभिलेखो का मूल्यांकन कौन करें, मूल्यांकन समिति द्वारा किया जाये या शिक्षक अथवा प्रधानाधयापक द्वारा किया जाए, जानकारी स्पष्ट रूप से दी जानी चाहिए।
2. अभिलेखो का विश्लेषण करने के पश्चात छात्रों की माँनिटरिंग किस प्रकार की जा रही है। यह स्पष्ट होना चाहिए अन्यथा अभिलेख रख-रखाव का लाभ नहीं मिल पाएगा।
3. भौतिक संसाधनों संबंधी अभिलेखो की जाँच की व्यवस्था अवश्य की जानी चाहिए। इसकी नियमित जाँच कौन करेगा। यह स्पष्ट होना चाहिए।
4. अभिलेखो को उचित प्रकार से रख-रखाव की व्यवस्था क्या है।
अभिलेख रख-रखाव संबंधी सुझाव:-
अभिलेखो का रख-रखाव करना एक कला ही नहीं विज्ञान भी है। यह सब कार्य वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित रूप मे करना चाहिए और यह व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि अभिलेखो को ढूँढने मे किसी प्रकार की कठिनाई या असुविधा नहीं हो । इस संदर्भ में अभिलेखो के रख-रखाव के समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. फाइल का नंबर सुनिश्चित करना चाहिए।
2. प्रत्येक रजिस्टर पर क्रमांक मुख्य पृष्ठ पर सुपाठ्य शब्दों में लिखा होना चाहिए
3. एक फाइल मे एक विषय हो और सभी अभिलेखो को एक अलमारी या सुरक्षित ताले मे बंद करके रखा जाना चाहिए।
यदि अभिलेख मे कोई विवरण काट कर सही किया गया है तो उसके स्थान पर अधिकारी के हस्ताक्षर हो, और कोई भी पृष्ठ फाड़ा नही जाना चाहिए।

5.रजिस्टर और फाइलो की संख्या पर्याप्त हो, सभी की एक सूची हो और रजिस्टर के पृष्ठों पर संख्या डाली जानी चाहिए।

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